प्राचीन भारत की स्थापत्य कला इतनी बेजोड़ थी आज भी अमेरिका ब्रिटेन और यूरोप के बड़े-बड़े वैज्ञानिक इस के रहस्य को तलाशते रहते हैं। उस जमाने में जब क्रेन नहीं थे कंप्यूटर नहीं था तब इतने विशाल और इतने खूबसूरत हिंदी मंदिरों का निर्माण आखिर कैसे किया गया होगा?
The architecture of ancient India was so unique, even today, the big scientists of America, Britain and Europe keep searching for its secret. In that era, when there were no cranes and no computers, then how could such huge and beautiful Hindi temples have been built?
जैसे तंजोर के मंदिर का रहस्य है कि मंदिर के गुंबद पर 80 टन के पत्थर का शिखर कैसे बनाया गया होगा और उससे भी बड़ा रहस्य तंजौर शहर के 400 किलोमीटर रेडियस में कहीं भी ग्रेनाइट की खदान नहीं है तब उस मंदिर के निर्माण के लिए ग्रेनाइट वहां तक कैसे लाया गया होगा
For example, the secret of Tanjore's temple is how an 80-ton stone spire would have been built on the dome of the temple, and a bigger secret is that there is no granite mine anywhere in 400 km radius of Tanjore city, then granite to build that temple there. How would it have been brought
"कैलाश" का नाम आते ही दिमाग मे एक ही बस "कैलाश पर्वत" की छवि उभर आती है, और हो भी क्यों ना "कैलाश" शिखर सबसे अनूठा है भी, महादेव का यह पवित्र स्थान न जाने कितने रहस्य खुद में समेटे है।
As soon as the name of "Kailash" comes to mind, only one image of "Mount Kailash" emerges, and even though the peak of "Kailash" is the most unique one, this holy place of Mahadev is not known how many secrets are contained in themselves.
"अनूठे स्थानों" का जिक्र आता है तो दुनिया भर के रहस्मयी और बेजोड़ कृतियों का ध्यान आने लगता है, चाहे वो "पीसा की मीनार" हो, "मिस्त्र के पिरामिड", "ताजमहल" हो, "मीनाक्षी टेम्पल" हो "कोणार्क का सूर्य मंदिर" हो या "अंकोरवाट का विष्णु मंदिर"।
When it comes to mentioning "unique places", the attention of amazing and unmatched creations around the world, whether it is "Tower of Pisa", "Pyramid of Egypt", "Taj Mahal", "Meenakshi Temple", "Konark". Sun Temple "or" Vishnu Temple of Ankorwat ".
प्राचीन सभ्यताओं ने जो कलाकृतियों का निर्माण किया वे आज भी रहस्य से देखी जाती है, कारण ये है कि जब आज के समय मे ये सब बनाना इतना कठिन है तब विपरीत परिस्थितियों और कम साधनों के साथ ये सब कैसे सम्भव हुआ होगा.?
The artifacts created by ancient civilizations are still seen in mystery, the reason is that when these things are so difficult to make in today's time, then how would all this have been possible with adverse conditions and less means.?
"ज्ञात इतिहास"("Known History")
अगर हम आज की तकनीक के साथ भी इसे बनाना चाहे तो भी यह असम्भव लगता है। हजारो लोगो को डिजाइन करना पड़ेगा, बहुत सारी मशीनें लगेंगी, बहुत सारे आदमी लगेंगे तब भी क्या यह सम्भव है कि मंदिर इतना सुंदर बने वो भी ऊपर से नीचे की तरफ बिना एक भी पत्थर को जोड़े.? उसमे भी इतनी सुंदर कलाकृतियां इतनी सुंदर मूर्तियां.?
4 लाख टन पत्थर इस पहाड़ में से निकाला गया था, तब जाकर ये मंदिर बना। 150 वर्षों की कलाकारी बताई जाती है, मगर उस समय मे जब मानव के पास सीमित संसाधन थे, क्या यह बिना देवयोग के सम्भव था.?
इस मंदिर के बारे में हिस्ट्री चैनल ने अपने कार्यक्रम ऐंसीएन्ट एलियन पर दिखाया था और उसने हिंदू शास्त्रों में वर्णित एक यंत्र के बारे में बताया था वह यंत्र आज के कुछ कुछ लेजर कटर जैसा होता है अमेरिकी यूनिवर्सिटी के शोध के अनुसार उस जमाने की साइंस इतनी उन्नत थी कि उन्होंने पहले डिजाइन बनाया उसके बाद उसे यंत्र ने पूरी पहाड़ी को दी गई डिजाइन के अनुसार काट दिया और पूरा मलबा भाप बनाकर उड़ा दिया
या फिर हम ये मान ले कि ये मंदिर जिस का इतिहास हमे मात्र 1200साल पुराना बताया गया है सिर्फ अंदाजे से, इससे भी ज्यादा पुराना हो क्योंकि पहाड़ पत्थर की कार्बन डेटिंग लाखो साल पुराना बताती है। अब पहाड़ तो लाखों साल पुराना ही है, जाहिर है मन्दिर तो बाद में बना।
Or should we assume that this temple, whose history has been told to us only 1200 years old, is more than just guessing, because the carbon dating of mountain stone tells millions of years old. Now the mountain is millions of years old, obviously the temple was built later.
अगर रामायण काल मे पुष्पक विमान था, महाभारत में परमाणु मिसाइल थी तो यह सम्भव है कि हमारे पूर्वजों के पास हम लोगो से भी उन्नत मशीनें रही होंगी।
If there was a Pushpak aircraft in the Ramayana period, there was a nuclear missile in the Mahabharata, then it is possible that our ancestors would have had advanced machines than us.
बस यह बताना था कि हमारी सभ्यता बेहद समझदार रही है हमेशा से, और ये मंदिर अपने आप मे एक बड़ा रहस्य है, था और रहेगा।
Just wanted to tell that our civilization has always been very sensible, and this temple itself is a big mystery, was and will remain.
आईये भारतीय वास्तु कला के कुछ और नमूने देखते है(Come see some more examples of Indian architectural art);
sorry coming soon
thank you....